वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना में गंदगी फैलाने और शिवलिंग जैसी आकृति पर दिए गए विवादास्पद बयान के मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर आज को सुनवाई होगी। इस मामले में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कई लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग है।
अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार सिंह की अदालत में ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना में गंदगी फैलाने और शिवलिंग जैसी आकृति पर दिए गए विवादास्पद बयान के मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर आज को सुनवाई होगी। प्रकरण के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बतौर वादी अवर न्यायालय के आदेश के खिलाफ जिला जज की अदालत में निगरानी अर्जी दाखिल की है।
अर्जी में कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलाई गई। उनका दावा है कि वह स्थान हिंदुओं के अराध्य देव शिव का है। यह भी कहा कि शिवलिंग जैसी आकृति को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ नेताओं ने गलत बयानबाजी कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया था। इसलिए अखिलेश, ओवैसी और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हमले के मामले में सुनवाई आज
विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में विचाराधीन पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हुए जानलेवा हमले के मामले में बुधवार को सुनवाई टल गई। एक वरिष्ठ अधिवक्ता के निधन के चलते पारित शोक प्रस्ताव के कारण इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तिथि नियत की है। इस मामले में सपा विधायक अभय सिंह, एमएलसी श्याम नारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह समेत छह आरोपियों के खिलाफ सुनवाई चल रही है।
अविमुक्तेश्वर के वाद में तीन अगस्त को सुनवाई
सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में विचाराधीन अविमुक्तेश्वर बनाम अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी वगैरह के मामले में बुधवार को सुनवाई टल गई। एक वरिष्ठ अधिवक्ता के निधन के चलते पारित शोक प्रस्ताव के कारण इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। इस मामले में अब अगली सुनवाई तीन अगस्त को होगी।
दिल्ली निवासी हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और खजुरी निवासी अजीत सिंह ने अपने अधिवक्ता मंगला प्रसाद पाठक व अभिषेक पाठक के जरिये अदालत में वाद दाखिल किया है। इस वाद में ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाने और सर्वे के दौरान मिली शिवलिंग जैसी आकृति की दर्शन-पूजन, राग-भोग की अनुमति दिए जाने की अदालत से मांग की गई है।